
इंदौर (Indore): महू (Mhow) में हुए उपद्रव को लेकर अब उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। पूर्व मंत्री और महू विधायक उषा ठाकुर (Usha Thakur) पहले ही इस संबंध में बुलडोजर चलाने की मांग कर चुकी हैं। अब, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है, जिससे हलचल तेज हो गई है।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान: “वक्त आएगा तो बुलडोजर चलेगा”
शनिवार, 15 मार्च को एक कार्यक्रम के सिलसिले में महू पहुंचे मंत्री विजयवर्गीय (जो महू से दो बार विधायक रह चुके हैं) से जब पूछा गया कि उत्तर प्रदेश (UP) की तर्ज पर महू में भी बुलडोजर कार्रवाई कब होगी, तो उन्होंने जवाब दिया—
“वक्त आएगा तो चलेगा, चिंता मत करो।”
इस बयान के बाद शहर में चर्चा और तेज हो गई है कि जल्द ही प्रशासन बुलडोजर कार्रवाई (Bulldozer Action in Mhow) शुरू कर सकता है।
महू बोर्ड की चेतावनी: अतिक्रमण हटाने के निर्देश
महू छावनी परिषद (Mhow Cantonment Board) ने हाल ही में एक सार्वजनिक सूचना (Public Notice) जारी कर कहा कि जिन लोगों ने नालों, नालियों, कुओं आदि पर अतिक्रमण (Encroachment in Mhow) किया है, वे तीन दिन के भीतर स्वयं इसे हटा लें।** ऐसा न करने पर प्रशासन खुद इसे हटाने की कार्रवाई करेगा।
संभावित कार्रवाई:

इस चेतावनी के बाद, पत्ती बाजार (Patti Bazaar) और अन्य उपद्रव प्रभावित इलाकों में बुलडोजर कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।
“सख्त कार्रवाई होगी” – कैलाश विजयवर्गीय
मंत्री विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि महू उपद्रव (Mhow Riots) में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
🔹 CCTV फुटेज (CCTV Footage Analysis) के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
🔹 कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA – National Security Act) के तहत कार्रवाई हो चुकी है।
🔹 बाकी उपद्रवियों पर भी रासुका (NSA Action in Mhow) लगाया जा रहा है।
🔹 सरकार इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी (Strict Government Action)।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
जब पुलिस की धीमी प्रतिक्रिया को लेकर मंत्री विजयवर्गीय से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है, लेकिन सख्त कार्रवाई की जा रही है।
क्या सिर्फ बुलडोजर समाधान है?
महू में उपद्रव के बाद प्रशासनिक कार्रवाई की मांग लाजमी है, लेकिन क्या बुलडोजर ही एकमात्र समाधान (Is Bulldozer the Only Solution?) है?
महू एक संवेदनशील क्षेत्र (Sensitive Zone) है, जहां प्रशासनिक फैसलों को सोच-समझकर लागू करना होगा।
🔹 क्या यह कार्रवाई सिर्फ राजनीतिक दबाव में हो रही है?
🔹 क्या प्रशासन ने पहले अतिक्रमण को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास किए थे?
🔹 क्या स्थानीय लोगों की समस्याओं को सुना जा रहा है?
इस मामले में केवल बुलडोजर नीति अपनाने की बजाय, प्रशासन को पहले संवाद (Dialogue with Locals) स्थापित करना चाहिए। अन्यथा, यह कदम कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के बजाय नए विवादों को जन्म दे सकता है।