Wednesday, April 23, 2025
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मध्य प्रदेश के अनूपपुर में पंचायत ने खुद ही तय कर लिया ‘Commission’ भ्रष्टाचार का अनोखा मामला! Inside the state of zero curuption tolrance

अनूपपुर (मध्य प्रदेश): Madhya Pradesh के Anuppur District के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने विकास कार्यों में अपने लिए खुलेआम “Commission” तय कर दिया!

कैसे हुआ घोटाला?

यह मामला तब सामने आया जब ग्राम सभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सरपंच (Sarpanch), उपसरपंच (Up-Sarpanch) और पंच (Panch) ने विकास कार्यों की राशि में अपना कमीशन निर्धारित कर दिया।

📌 सरपंच विक्रम प्रसाद (Sarpanch Vikram Prasad) – 10% कमीशन
📌 उपसरपंच सोनिया बाई (Up-Sarpanch Soniya Bai) – 7% कमीशन
📌 पंच नरबदिया बाई (Panch Narbadiya Bai) – 5% कमीशन

अब मामला पहुंचा हाईकोर्ट! (High Court)

इस घोटाले के खिलाफ Sunil Kumar Soni नाम के व्यक्ति ने Madhya Pradesh High Court में याचिका दायर की।
👉 High Court की Justice Suresh Kumar Kait और Vivek Jain की बेंच ने राज्य सरकार और अधिकारियों को 6 हफ्तों में जवाब देने का नोटिस भेजा है।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल!
याचिकाकर्ता का आरोप है कि शिकायतों और मीडिया रिपोर्ट्स के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की! यह सवाल खड़ा करता है कि क्या अधिकारी इस भ्रष्टाचार में खुद भी शामिल हैं?

याचिकाकर्ता की मांग (Demand for Investigation) 📢

✅ इस मामले की न्यायिक जांच (Judicial Investigation) की जाए।
✅ पंचायत के सभी विकास कार्यों (Development Works) की ऑडिटिंग की जाए।
✅ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) हो।

सरकार और प्रशासन का रुख क्या होगा? (Government’s Stand)

High Court की सख्ती के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
अगर आरोप सही साबित हुए, तो यह देशभर के पंचायत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार (Corruption in Panchayats) पर एक मिसाल बन सकता है।
अब देखना होगा कि सरकार इसे गंभीरता से लेती है या इसे भी नजरअंदाज कर दिया जाता है!

✅ यह मामला सिर्फ एक पंचायत का नहीं, बल्कि पूरे देश में ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
✅ यदि सरकार Corruption पर Zero Tolerance की नीति अपनाती है, तो यह जनता का विश्वास जीतने का मौका हो सकता है।
✅ अब हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं – क्या दोषियों को सजा मिलेगी या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

आपका क्या कहना है इस घोटाले पर? क्या सरकार पंचायतों में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाएगी? कमेंट में अपनी राय बताएं!

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