मंदसौर। अभी तक कई अनुयोग हॉस्पिटल में कई ऐसी सर्जरी हुई है, जो मंदसौर में अभी तक नहीं हो पाई। उम्मीद हार चुका मरीज चार से पांच दिन में ओके होकर घर पहुंचा है। एक बार फिर मंदसौर में स्वास्थ्य के इतिहास में अनुयोग अस्पताल के चिकित्सकों ने नया अध्याय रचा। अभी तक मंदसौर, नीमच और रतलाम में केंसर की माईक्रोवास्क्यूलर सर्जरी नहीं हुई थी। लेकिन पहली बार अनुयोग अस्पताल में इस पद्धति से उपचार किया गया और पांच दिन में मरीज पूरी तरह से ओके होकर घर पहुंच गया।

एक सप्ताह पहले सीतामऊ तहसील का रहने वाला एक चालिस वर्षीय व्यक्ति परिजनों के साथ अनुयोग हॉस्पिटल पहुंचा। उसे जबड़ों में छाले की शिकायत थी। दर्द से कहरा रहे मरीज की सबसे पहले जांच की गई। जिसमें उसके जबडे का केंसर होने की जानकारी मिली। टॉस्क इस बार भी संभव नहीं था, क्योंकि यहां माईक्रावास्क्यूलर सर्जरी की जरुरत थी। जिसमें जबडे की सर्जरी कर यहां दूसरे हिस्से की त्वचा निकालकर लगाना थी। डॉ योगेंद्र कोठारी की टीम ने हर बार की तरह चुनौती को स्वीकार किया। इसमें एमडीएस ओराल एंड माक्सलोफेसिअल सर्जन मुंह का केंसर रोग विशेषज्ञ डॉ प्रणय यजुर्वेदी और एनेस्थ्सििया विभाग के डॉ नेहरुसिंह की टीम ने ऑपरेशन शुरु किया। जिसमें मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर पांच दिन में फिर से घर लौट गया।

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