मंदसौर नगर के नागरिकों की प्रबल इच्छा प्रतिदिन की चर्चाओं में आती है। सड़क, नाली, बिजली, पानी इन आवश्यक समस्याओं के प्रति तो नगरपालिका जागरूक रहेगी ही किंतु कुछ संकल्प उनके समक्ष इन सबसे हटकर भी है, उन्हीं को ध्यान रखते हुए परिषद के सामने नगर के आयाम को ध्यान में रखते हुए कुछ सुझाव बिंदुवार इस प्रकार हैंः-
1- नवीन ऑडिटोरियम का निर्माण इसके अंतर्गत संजय गांधी स्थित पं. मदनलाल जोशी सभागृह अत्यंत ही जर्जर होने के साथ ही सुसज्जित नहीं है वहां पर आवाज गूंजने के कारण (इको) किसी भी प्रकार के व्याख्यान और बौद्धिक कार्यक्रम सफल नहीं हो पाते तथा ज्यादातर यह शादी, ब्याह अर्थात विभिन्न समाजों के कार्यक्रम, चातुर्मास इत्यादि के लिए ही काम होते हैं, इसलिए वर्तमान भवन को डिस्मेंटल कर नई रचना के अनुसार एक ऐसा सभाकक्ष बनाया जाना चाहिए जिसका मंच सुसज्जित हो साउंड सिस्टम, एयर कंडीशनर एवं पंखे आरामदायक कुर्सियां जिसमें करीब 800 लोग बैठ सकें ऐसा भवन निर्माण किया जाना चाहिए जो इंदौर के रविंद्र नाट्य गृह की तरह हो और उसका ठीक प्रकार से रखरखाव करने हेतु उसे निजी क्षेत्र में भी लीज पर दिया जा सकता है।
2- कमला नेहरू बाल मंदिर- नगर का कमला नेहरू बाल मंदिर एक समय का माना हुआ विद्यालय रहा है और नगर के बीचो बीच होने के कारण शिक्षा क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है उसका संपूर्ण भवन जर्जर हो गया है और उस स्कूल में बच्चे भी नहीं पढ़ते हैं, इसलिए उस भवन को भी डिस्मेंटल कर एक कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए भवन निर्माण कर नगरपालिका को संचालन करना चाहिए क्योंकि नई आबादी क्षेत्र में छात्राओं के लिए कोई हाई सेकेंडरी स्कूल नहीं है इसलिए सुविधा की दृष्टि से नई आबादी, संजीत नाका क्षेत्र अभिनंदन कॉलोनी इत्यादि की छात्राएं यहां अध्ययन करने के कारण कमला नेहरू बाल मंदिर की खोई हुई रौनक वापस लौट सकेगी तथा नगरपालिका स्कूल बंद करने का कलंक भी धुल जाएगा।
3- विशाल मांगलिक भवन का निर्माण- वर्तमान में केवल जनता कॉलोनी में एक मांगलिक भवन नगरपालिका ने बनाया है जो बहुत ही छोटा होने के कारण मांगलिक कार्य हेतु सुविधाजनक नहीं है इसलिए एक बड़ा मांगलिक भवन के निर्माण का संकल्प नगरपालिका परिषद को लेना चाहिए। इसके लिए नई आबादी क्षेत्र में कंबल केंद्र की जमीन अथवा उसके निकट उद्योग विभाग की जमीन को उद्योग विभाग एवं खादी ग्राम उद्योग मध्यप्रदेश शासन प्राप्त करने की कार्यवाही करना चाहिए और उन दोनों स्थानों में से किसी एक स्थान पर विशाल मांगलिक भवन बनाकर नॉमिनल रेंट पर आमजन को उपलब्ध कराने की योजना बनाना आवश्यक है क्योंकि कंबल केंद्र पर अब किसी प्रकार का कंबल निर्माण नहीं हो रहा है केवल खादी ग्राम उद्योग के कर्मचारी वहां पर है जिनका समायोजन खादी ग्राम उद्योग में ही अन्यत्र स्थान पर किया जा सकता है। इसके साथ ही उद्योग विभाग का भवन छोटा है किंतु जमीन बहुत बड़ी है इसलिए उसे भी कहीं स्थानांतरित किया जा सकता है।
4- विद्या विहार लाइब्रेरी हेतु नया भवन आवश्यक- नगर की अत्यंत ही पुरानी लाइब्रेरी जिसमें जब राव विजय सिंह प्रभारी हुआ करते थे तब यह लाइब्रेरी सामाजिक चेतना का केंद्र की और अनेक साहित्यिक आयोजन इस लाइब्रेरी में हुआ करते थे इसमें बहुत ही महत्वपूर्ण साहित्य है जिसमें करीब 7000 से भी अधिक पुस्तकें है किंतु यह लाइब्रेरी पूर्णतः उपेक्षित हो गई है और पंजाब नेशनल बैंक घंटाघर के ऊपर होने के कारण वरिष्ठ नागरिकों एवं बुजुर्गों को सीढियां चढ़ने में कठिनाई होती है, इस कारण वहां निरंतर पाठकों की संख्या कम होती जा रही है इसलिए विद्या विहार लाइब्रेरी का एक नया भवन ग्राउंड फ्लोर पर कोई उचित स्थान देखकर बनाया जाना चाहिए जिससे नगर की यह साहित्यिक विरासत का उपयोग जनसाधारण कर सके तथा कुछ नई पुस्तकें भी इसमें खरीदी जाना आवश्यक है इसके साथ ही एक वहां अच्छा वाचनालय भी विकसित हो सकेगा।
5-नेहरू बस स्टैंड का विस्तार एवं विकास- नगर का मुख्य नेहरू बस स्टैंड बहुत छोटा होने के कारण यात्रियों और बसों को खड़ी रहने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए इसका भी कोई मास्टर प्लान बनाकर विकास होना आवश्यक है चूँकि बस स्टैंड पर स्थित नेहरू पार्क की उपयोगिता बहुत ज्यादा दिखाई नहीं देती इसलिए नेहरू पार्क को समाप्त कर जमीन का उपयोग बस स्टैंड के लिए होना चाहिए तथा जवाहरलाल नेहरू की मूर्ति वहीं पर किसी स्थान पर गरिमा को इस तरीके से स्थापित करना और पं. जवाहरलाल नेहरू के नाम से नगर मैं पूर्ण विकसित किसी भी बड़े उद्यान का नामकरण कर देना चाहिए ताकि नेहरूजी के प्रति श्रद्धा रखने वालों को कोई आपत्ति नहीं होगी इसके साथ ही पार्क से जुड़े हुए मुख्य मार्ग पर दुकानों का निर्माण कर नेहरू पार्क के बाहर ठेले वाले या जमीन पर बैठकर व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को कम कीमत पर दुकाने दे देना चाहिए इससे बस स्टैंड की सुंदरता में वृद्धि भी होगी और अनावश्यक अतिक्रमण भी हट जाएगा।
4- नवीन स्मारकों निर्माण भी आवश्यक मंदसौर नगर के प्रति समर्पित व्यक्तित्व वाले नेताओं जिन्होंने इसके विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है उन्हें भूलना हमारी संस्कृति के विरुद्ध होगा इसलिए नगर में स्व. पं. गजा महाराज, ओमप्रकाशजी पुरोहित, किशोरसिंहजी सिसोदिया, मोहनसिंहजी गौतम, श्यामसुंदरजी पाटीदार जैसे व्यक्तित्व के योगदान को स्मरण में रखने के लिए उनके नाम से भी कोई न कोई स्मारक अथवा प्रतिमा की स्थापना होना आवश्यक है। इसके साथ ही 40-45 वर्षों से नगर पालिका भारतीय जनता पार्टी के पास है इसलिए उनसे यह भी अपेक्षा है की उनके मुख्य प्रेरणा स्त्रोत डॉ. केशवराव हेडगेवार एवं श्री सदाशिवराव गोलवलकर, राजमाता सिंधिया इत्यादि के नाम से भी कोई स्मारक या कोई द्वार अथवा किसी भवन का नामकरण संस्कार होना भी आवश्यक प्रतीत होता है।
मंदसौर नगर के विकास के लिए कुछ संकल्प, सुझाव के रूप में प्रस्तुत करना और उसे जनमानस के विचार एवं समर्थन के लिए यह लेख प्रस्तुत है।

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