मन्दसौर। पशुपतिनाथ मंदिर के सुरक्षा इंतजामात में कोताही बरती जा रही है। जबकि 10 साल पहले हाई सिक्युरिटी जोन घोषित किया गया था, लेकिन इस अलर्ट के बावजूद मंदिर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे हैं। मंदिर की सुरक्षा अभी भगवान भरोसे ही है। भगवान पशुपतिनाथ मंदिर की सुरक्षा के नाम पर प्रायवेट सुरक्षाकर्मी के अलावा कुछ भी नहीं है। बैग स्केनर और मेटर डिटेक्टर बंद ही पड़े हैं। कोई भी व्यक्ति आसानी से मंदिर गर्भगृह तक बैग लेकर भी पहुंच रहा है। यह स्थिति तब है जब मंदिर पर प्रतिवर्ष 60 लाख रुपये से अधिक का चढ़ावा भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है। मंदिर की दान पेटी साल में लगभग आठ से 10 बार खुलती है, हर बार औसतन छह से आठ लाख की राशि निकलती है। बावजूद मंदिर की सुरक्षा के लिये उपकरण सुधार के अभाव में धूल खा रहे हैं और मंदिर की सुरक्षा प्रभावित हो रही है। अब याद दिलाने पर एसडीएम कह रहे हैं कि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीरता बरती जाएगी, बैग स्केनर मशीन और मेटल डिटेक्टर चालू करवाएंगे।