मंदसौर। गरीबों का निवाला छिनने वाले शहर सहित जिलेभर में सक्रिय है। यहां बात करें शहर की तो कंट्रोल का राशन खुलेआम दुकानों पर पहुंच रहा है। जिला आपूर्ति विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है। विगत दिनों कलेक्टर गौतमसिंह ने सप्ताह में तीन बार राशन दुकानों के निरीक्षण के निर्देश जिला आपूर्ति विभाग को दिए थे। लेकिन जिला आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही। अभी भी कंट्रोल का राशन बाजारों में दुकानों तक पहुंचकर महंगे दामों में बिक रहा है। इसका प्रमाण कोतवाली पुलिस की कार्रवाई दे दिया। पुलिस ने कंट्रोल की दुकान के गेहूं चावल जब्त किए है। इस मामले में दो के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।
विगत दिनों नाहरगढ पुलिस ने कंट्रोल का राशन जब्त किया था। इसके बाद कलेक्टर गौतमसिंह ने सख्ती दिखाते हुए जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को फटकार भी लगाई और राशन दुकानों का सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए। लेकिन जिला आपूर्ति विभाग का सुस्त रवैय्या उसके अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर रहा है। कार्रवाई का काम जिला आपूर्ति विभाग का है, लेकिन काम पुलिस को करना पड़ रहा है। शहरभर में कंट्रोल का अनाज बाजार में पहुंच रहा है। दोपहर में दुकान बंद होने के बाद कट्टे वाहन में लोड हो रहे हैं। इसके बाद दुकानों पर पहुंच रहे हैं। राशन माफियाओं का खेल अधिकारियों की मिलीभगत को प्रमाणित करता है। नेहरु बस स्टैंड और धानमंडी जैसे कई ईलाके  है, जहां कंट्रोल का अनाज पहुंच रहा है। आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने जहमत नहीं उठाई कि कहीं पहुंचकर निरीक्षण करे। पहले नाहरगढ पुलिस और इस बार कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई की। कोतवाली की कार्रवाई ने यह प्रमाणित कर दिया है कि जिले में राशन की कालाबाजारी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है।
कालाखेत से जब्त किया राशन
कोतवाली पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर कालाखेत साठिया बस्ती बालागंज रोड पर दबिश दी गई। यहां कंट्रोल के गेहूं और चावल जब्त किए गए। इस मामले में शंकर पिता रूपचंद निवासी धानमंडी और मनीष कोठारी निवासी बडा चौक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों से चौदह कट्टे अनाज के जब्त किए गए है। इनके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।

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