मंदसौर। अभी तक तो निर्माण के एक दो दिन में सडक़ उखड़ रही थी, लेकिन अब स्थिति यह हो गई है कि निर्माण काम पूरा होने से पहले ही सडक़ का एक नवनिर्मित हिस्सा बाहर आ रहा है। जिससे ठेगले लगाने की जरुरत पड़ रही है। यह अभिनंदन क्षेत्र की सडक़ पर हुआ। जहां काम चल ही रहा था कि एक हिस्से की सडक़ का डामर गिट्टी समेत बाहर आ गया। इसे छिपाने के लिए ठेगला लगाकर मरम्मत की गई। सडक़ कितने समय चल पाएगी यह अंदाजा लगाना आसान है।
जल्द दम तोड़ेगा राजमार्ग
मंदसौर शहर से गुजरने वाली मंडी क्षेत्र की राजमार्ग की सडक़ घटिया निर्माण और ठेके को लेकर हमेशा चर्चाओं में रही है। एक बार फिर जब सडक़ का काम हो गया तो यहां भी खेल की खबरे सामने आ रही है। सडक़ निर्माण के पहले सोल्डर कोट किया जाता है। लेकिन सोल्डर कोट के बिना ही सडक़ निर्माण किया गया है। इस सडक़ से भारी वाहनों का आवागमन चौबीस घंटे चलता है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सडक़ फिर से कितना दम भर पाएगी?
यहां तो हद ही कर दी
रेवास देवड़ा रोड पर बन रहे सडक़ निर्माण में तो हद ही कर दी गई। यहां खदानों से पत्थरों को लाया गया। इसके बाद यहां डाला गया। इन पत्थरों के ऊपर डामरीकरण किया गया। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितने समय तक यह सडक़ चल सकेगी। डामर की परत खदानों के पत्थरों पर टिकना संभव नहीं है। एक बारिश या भारी वाहनों के एक माह के आवागमन से ही सडक़ दम तोड़ देगी।
जीवागंज की सडक़ चर्चाओं में
जीवागंज क्षेत्र की तीन गलियों में बनी सडक़ खासी चर्चाओं में है। इसका कारण है यहां दूसरे ही दिन सडक़ निर्माण में किया भ्रष्टाचार सामने आना। स्थिति यह है कि गोबर के साथ ही सडक़ उखड़ रही है। सडक़ी साईडों में किया गया डामर नाली में बह गया है। इसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश भी है।