मंदसौर । थोड़ी दिन की सख्ती और निर्देशों के बाद एक बार फिर एंबुलेंस संचालकों की मनमानी और अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन द्वारा दिखाई गई सख्ती कुछ ही दिन में हवा हो गई हैं। अस्पताल के बाहर यातायात बाधित करने के साथ ही मरीजों को ले जाने के लिए संचालकों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा को रोकने के लिए की गई कवायद भी धरी रह गई है। अब फिर से सभी एंबुलेंस जिला अस्पताल के आस-पास ही खड़ी रहकर यातायात बाधित कर ही रही है। रेफर होने वोले मरीजों को ले जाने की होड़ में एंबुलेंस संचालक जिला अस्पताल में भी अव्यवस्था फैला रहे हैं। बीपीएल चौराहे के पास किराया निर्धारित करने के लिए बनाया गया बूथ भी वर्तमान में धूल खा रहा है। एंबुलेंस पूरे शहर में जहां मर्जी हो वहां खड़ी हो रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद प्रशासन द्वारा बीपीएल चौराहे पर साई मंदिर के पास स्टेडियम की खाली पड़ी जगह पर एंबुलेंस स्टैंड घोषित किया गया था। इसके लिए तत्कालीन एडीएम ने निर्देश भी जारी किये थे। एंबुलेंस का संचालन रोस्टर अनुसार करने की योजना तैयार कर मंदसौर से इंदौर, उदयपुर, अहमदाबाद, रतलाम, भीलवाड़ा, जयपुर, भोपाल सहित अन्य जगहों पर जाने के लिए एंबुलेंस का किराया भी तय कर दिया था। पर लगभग दो तीन माह तक ही यह व्यवस्था कायम रह सकी। बूथ दो माह तक चला। जैसे ही बूथ बंद हुआ प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने भी एंबुलेंस को चिन्हित स्टैंड पर खड़ा कराने के प्रयास बंद कर दिएं। तो फिर सभी एंबुलेंस संचालकों ने जिला अस्पताल के आस-पास व दवा बाजार जाने वाले संकरे मार्ग पर ही एंबुलेंस खड़ी करना शुरू कर दी है।