मंदसौर। महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण चुनाव में दिया गया है। जनपद पंचायत और पंचायतों में पचास प्रतिशत आरक्षण के बाद भी कमान उनके पति या अन्य कोई रिश्तेदार ही संभालते हैं। लेकिन अब प्रशासन ने इस पर नकेल कसना शुरु कर दी है। पूरी जिम्मेदारी महिलाएं ही संभाले, यह शासन की मंशा है। इसके लिए शासन ने पहला कदम उठाया है। जिसमें अब बैठकों में सरपंच पति या अन्य किसी रिश्तेदार के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश के अनुसार महिलाओं को अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व देने के लिए जनपद और ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत पद आरक्षित किए गए है। त्रिस्तरीय पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मजबूत बनाने के उद्देश्य से यह आवश्यक है कि ग्राम सभाओं की बैठक में महिला सरपंच और पंचों की सक्रिय भागीदारी हो। ग्राम सभा की बैठक या ग्राम पंचायतों की बैठकों का संचालन महिलाओं के पति या अन्य परिजनों द्वारा किए जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि कोई भाग लेता है तो महिला सरपंच या पंच के खिलाफ कार्रवाइ्र की जाएगी। यह आदेश ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी किए गए है।

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