
सिंगरौली जिले में शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है। राजीव गांधी इंटरनेशनल स्कूल, गड़हरा में फीस न भरने पर एक मासूम छात्रा के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने बच्ची को परीक्षा देने से रोका और विरोध करने पर एक टीचर ने उसके बाल इतनी जोर से खींचे कि वे जड़ से उखड़ गए। यह शर्मनाक और झकझोर देने वाली घटना शिक्षा के व्यवसायीकरण पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
कैसे हुआ पूरा मामला?
बच्ची के परिजनों का कहना है कि फीस जमा न होने की वजह से स्कूल प्रशासन ने पहले उसे परीक्षा देने से मना कर दिया। जब बच्ची रोने लगी, तो एक शिक्षक ने क्रूरता की हदें पार करते हुए उसके बाल पकड़कर इतनी जोर से खींचा कि वह दर्द से चीख उठी। यह घटना शिक्षा व्यवस्था की अमानवीयता को दर्शाती है।
गांववालों और परिजनों में आक्रोश
बच्ची के परिजनों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वे गुस्से में स्कूल पहुंचे और शिक्षक से जवाब मांगा। मामला सामने आते ही पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने इसे शिक्षा के नाम पर शोषण बताया और दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
क्या शिक्षा का व्यवसायीकरण बच्चों के लिए खतरा बन रहा है?

यह घटना सिर्फ एक बच्ची की नहीं, बल्कि उन सभी बच्चों की है, जो शिक्षा के नाम पर प्रताड़ित हो रहे हैं। आज के दौर में जब शिक्षा को एक व्यवसाय बना दिया गया है, तब फीस न भरने पर मासूम बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाना बेहद निंदनीय है। क्या ऐसे शिक्षकों को पढ़ाने का अधिकार है? क्या शिक्षा का अधिकार सिर्फ पैसेवालों के लिए है?
प्रशासन ने शुरू की जांच—क्या मिलेगा न्याय?
इस घटना को लेकर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या दोषियों को सख्त सजा मिलेगी? जब तक ऐसे शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसे अमानवीय हादसे दोहराए जाते रहेंगे।

आवाज उठाएं—न्याय की मांग करें!
यह सिर्फ एक बच्ची का मामला नहीं, बल्कि पूरे समाज की चिंता का विषय है। हम सबको इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी। इस घटना को लेकर आपकी क्या राय है? क्या दोषी शिक्षकों को सख्त सजा मिलनी चाहिए? अगर आप इस अमानवीयता के खिलाफ हैं, तो इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि दोषियों को सजा मिले और बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।