मंदसौर। अभी नपा के प्रशासक कलेक्टर हैं तो शहर सहित सभी जगह उनकी धमक नजर आना चाहिए। पर हो उल्टा रहा है नपाकर्मियों ने पूरे शहर को अस्त व्यस्त कर रखा है। न सफाई ठीक से हो रही है और न ही अतिक्रमण रुक रहे हैं। नपा 5 सालों में एक ही सडक़ पर 20 बार अस्थायी अतिक्रमण हटाने की मुहिम चला चुकी है। पर उसके बाद भी अतिक्रमण कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। मंगलवार को भी नपाकर्मियों ने दिखावे के लिए सम्राट मार्केट में अस्थायी अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। पर यह भी छलावा ही साबित हुआ। अमले के जाने के बाद फिर बाजार में सामान जमा दिया गया। पटरी व्यवसायियों के साथ ही दुकानदारों ने भी दबी जबान में नपाकर्मियों पर अवैध वसूली करने का आरोप भी जड़ा।
शहर के सभी प्रमुख बाजारों सदर बाजार, कालिदास मार्ग, आजाद चौक, सम्राट मार्केट, गौतम नगर मुख्य मार्ग, दयामंदिर मार्ग, नेहरू बस स्टैंड, जिला अस्पताल मार्ग, गोल चौराहा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अस्थायी अतिक्रमण जरूरत से ज्यादा फैल रहा है। इसके अलावा सरकारी भूमि पर गुमटियां भी रखी जा रही है। इसमें दोष नपाकर्मियों का ही ज्यादा है। बाजार में घूमने वाले निरीक्षक गुमटियां रखवाने के नाम पर भी प्रतिमाह रुपये ले रहे हैं। अस्थायी अतिक्रमण कर रहे दुकानदारों से भी वसूली करते हैं वहीं पटरी व्यवसायियों से भी अवैध वसूली करते हैं। इनके संरक्षण में ही शहर की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ रही है। अच्छी-खासी चौड़ी सडक़े संकरी हो गई है। नपा में शिकायत होती है पर अधिकारी भी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं, जबकि एक साल से भी ज्यादा समय से कलेक्टर ही नपा के प्रशासक है।