मन्दसौर। धर्म कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा, कैंप रामपुरा द्वारा आरोपी जितेन्द्र पिता बंशीलाल मरचीया, उम्र-44 वर्ष, निवासी-फरक्या गली, तहसील रामपुरा, जिला नीमच को मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित अपमिश्रित घी बेचने के आरोप का दोषी पाते हुए छह माह की सजा सुनाई है। एडीपीओ योगेश कुमार तिवारी द्वारा घटना की जानकारी देेते हुए बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजू सोलंकी दिनांक 27 मार्च 2010 को शाम के लगभग 5 बजे निरीक्षण हेतु गणपति चैक, रामपुरा स्थित मैसर्स भंवरलाल पूनमचंद्र की दुकान पर पहॅुचे जहॉ पर खाद्य पदार्थ घी, तेल, नमक, शक्कर आदि सामग्री को विक्रय हेतु रखा हुआ था। मिलावट की शंका होने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान बेचने के लिए रखे लूज लगभग 15 किलो घी में से 600 ग्राम घी का नमूना जॉच हेतु 150 रूपये नकद भुगतान कर लिया गया तथा फर्म पर उपस्थित व्यक्ति का नाम पूछने पर अपना नाम जितेन्द्र पोरवाल बताया तथा उसके पास खाद्य विक्रय अनुज्ञप्ति भी नहीं थी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा घी की जॉच खाद्य विश्लेषक, भोपाल से करायी, जहा से प्राप्त रिपोर्ट में घी अपमिश्रित होना पाकर मानव स्वस्थ्य के लिए असुरक्षित होना बताया गया। इसके पश्चात् अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने के बाद आरोपी के विरूद्ध परिवाद कैंप न्यायालय रामपुरा में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी को छह माह की सजा और एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। न्यायालय में शासन की ओर से योगेश कुमार तिवारी, एडीपीओ द्वारा पैरवी की गई।