मंदसौर। मानवतावादी सिद्धांतों के खिलाफ धार्मिकता की ओट में जो फिरका परस्ती की बातें करते हैं वह धर्म और महापुरुषों के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। संतो को आध्यात्मिक ग्रंथों के मर्म का सही प्रतिपादन करना चाहिए, क्योंकि वर्तमान में धर्म के पथ प्रदर्शक की जिम्मेदारी संतो के कंधों पर है।इसलिए जनता को भ्रमित और गुमराह होने से बचाएं।
       उक्त विचार राष्ट्रसंत श्री कमलमुनि कमलेश ने धर्मसभा में व्यक्त किए। संतश्री ने बताया कि जो मानवता में भेद करें वह धर्म नहीं पाखंड है। धर्म मानव से मानव को जोड़ने का काम करता है। अगर तोड़ने का काम करेगा तो वो अधर्म और पाप है।
 राष्ट्रसंत श्री ने दुख के साथ कहा कि धर्म के रहनुमा समय रहते सन्मार्ग पर नहीं आए तो धर्म की  लड़ाई और झगड़े से धर्म नफरत का पात्र बन जाएगा। वही युवा पीढ़ी को भटकाने के दोषी भी वही कहलाए जाएंगे।
 संत ने बताया कि संसार में जितना खून धर्म के नाम पर बहाया गया है इतना तो हथियारों से भी नहीं बहा है। विश्व के सभी धर्मों ने प्रेम सद्भाव और अहिंसा को धर्म का प्राण बताया है।
 धर्मसभा में गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरु वचन बग्गा ने कहा कि गुरुवाणी  सत्य अहिंसा सद्भाव मानवता को ओतप्रोत होने का संदेश देती है। सिख समाज की ओर से मुनि कमलेश का अभिनंदन किया गया। अखिल भारतीय जैन दिवाकरविचार मंच नई दिल्ली शाखा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव उज्जैन ने बताया कि मुनि कमलेश की प्रेरणा से स्वर्णिम भारत मंच के 700 कार्यकर्ता निरंतर गोसेवा मानव सेवा में लीन है।
सोमवार को जीवागंज में शहर कोतवाली टीआई अमित सोनी का संघ की ओर से अध्यक्ष अनिल संचेती, महावीर जैन (पत्रकार) ने सम्मान किया। टीआई सोनी ने राष्ट्रसंत की भावना का सम्मान करते हुए मंदिर, स्कूल, धर्मस्थल के आसपास शराब और मांसाहार की दुकानें तत्काल हटाने की बात कही।आपने  नयापूरा जैन मंदिर के पास से अंडे की दुकान हटा दी है।
इसके अलावा सरदार बलजीत सिंह नारंग, सरदार कमलजीत सिंह चावला, सोहन सिंह राजपाल, दिनेश श्रीवास्तव, राजेश मंडवारिया, रानू सक्सेना, हिना मेहता सभी अतिथियों का संघ की ओर से अनिल संचेती, प्रकाश रातडिया, सुरेश तलेरा, अनिल दुग्गड़, विक्रम मेहता, राजेंद्र पोरवाल, जसवंत राका, नरेंद्र पामेचा, विजय दुग्गड़, विनोद मेहता, शांत क्रांत महिला संघ द्वारा स्वागत किया। विजय खटोड़ ने धर्मसभा का संचालन किया।

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