
कार्यक्रम में नव उदित कलाकार आशीष मराठा ने ‘‘लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो ना हो‘‘ गीत से स्वरांजलि संध्या का शुभारंभ किया। आबिद भाई ने ‘‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी‘‘, रानी राठौर ने ‘‘तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना जिंदगी जिंदगी तो नहीं’’ की सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। भरत लखानी ने ‘‘याद आ रही है, तेरी याद आ रही है’’ गीत से लताजी की कमी को दर्शित किया। स्वाति रिछावरा ने ‘‘बेताब दिल की तमन्ना यही है’’ और राजा भैया सोनी ने ‘‘दिल लूटने वाले जादूगर’’ गीत गाकर इस संध्या को आगे बढ़ाया। जितेंद्र पोरवाल ने ‘‘कभी खुशी कभी गम फिल्म का टाइटल गीत की प्रस्तुति दी। प्रभाजी ने ‘‘तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं देवता हो गीत सुनाया तो उनकी बहन हेमाजी ने ‘‘ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी’’ सुनाकर सबकी आंखें नम कर दी। डॉ.महेश शर्मा ने ‘‘धीरे से आजा अखियन में’’, ललिता मेहता ने ‘‘छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए’’ गीत गाकर लताजी को याद किया।
इस संगीत कार्यक्रम में गरोठ से आए गायक रोहित ने ‘‘हमें और जीने की चाहत ना होती‘‘ गीत गाया को प्रस्तुत किया। राजकुमार अग्रवाल ने अपनी आवाज में ‘‘मौसम है आशिकाना’’ प्रस्तुत किया। जलील भाई ने ‘‘जिंदगी प्यार का गीत है की प्रस्तुति दी। संजय भारती ने ‘‘गुलाबी आंखें’’, गौरव जोशी ने ‘‘एक प्यार का नगमा है’’, नरेंद्र त्रिवेदी ‘‘हमें और जीने की चाहत ना होती‘‘ की प्रस्तुति दी। शहीद ए आजम भगत सिंह का जन्मदिन भी होने से अभय मेहता ने शहीद फिल्म का गीत ‘‘तू ना रोना कि तू है भगत सिंह की मां मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं‘‘ गाकर भगतसिंह को स्वरांजलि अर्पित की।
प्रारंभ में सभी गायकों ने लता मंगेशकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किये। प्रदीप शर्मा ने लताजी के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मधु चौरड़िया, डॉ प्रवीण मंडलोई, अतुल मंडलोई सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण भी उपस्थित रहे।