दीपक जैन की मौत के बाद फूटा जनाक्रोश, बीपीएल चौराहा जाम, हत्या का मुकदमा और गिरफ्तारी की मांग

मंदसौर।


कलेक्टोरेट के सामने गुरुवार को एक भीषण सड़क हादसे में युवा मंडी व्यापारी दीपक जैन की जान चली गई। मौत इतनी दर्दनाक थी कि शहर का दिल दहल गया। लेकिन इससे भी ज्यादा दर्दनाक है प्रशासन और यातायात विभाग की नपुंसक चुप्पी।

शुक्रवार को जब दीपक जैन की अंतिम यात्रा निकली, तब पूरे शहर में ग़ुस्से की लहर दौड़ गई। बीपीएल चौराहे पर लोगों ने चक्काजाम किया, सड़क पर उतर आए, और नारा दिया — “यह महज एक्सीडेंट नहीं, यह हत्या है!”

डॉक्टर की कार नहीं, चलती गोली थी…

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डॉक्टर अश्विन पांडे की कार लगभग 100 किमी/घंटा की रफ्तार से कलेक्टोरेट की ओर आ रही थी। वहीं दीपक जैन मोपेड किनारे खड़ा होकर फोन पर बात कर रहे थे। एक झटके में कार ने उन्हें उड़ा दिया। दीपक की मौके पर ही मौत हो गई और कार डिवाइडर से टकराकर नाले में जा गिरी।

सवाल — ये क्या सिर्फ “लापरवाही” थी? या एक गैर इरादतन हत्या?

गिरफ्तारी और IPC 304 की मांग

भीड़ ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा और डॉक्टर के खिलाफ IPC 304 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
लोगों ने कहा — “अगर ये अपराध किसी आम आदमी ने किया होता तो अब तक जेल में होता, लेकिन जब मामला एक नामचीन डॉक्टर का हो, तो क्या कानून मौन हो जाता है?”

यातायात विभाग की अराजकता — सैफ मोड़ से सन्नाटा

मंदसौर की ट्रैफिक व्यवस्था विकट और अव्यवस्थित है।
• शहर के प्रमुख मार्ग हो या कलेक्टोरेट रोड, कहीं कोई ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आती।
• ऑटो-टेम्पो जहां मन करे वहीं रुकते हैं।
• नाबालिग सरेआम गाड़ियां दौड़ा रहे हैं।
• हेलमेट, स्पीड, राइडिंग गियर — सब नियम कागज़ों में दफन हैं।

क्या ट्रैफिक विभाग किसी और हादसे का इंतज़ार कर रहा है?

ये पहली मौत नहीं… आखिरी भी नहीं होगी अगर…

मंदसौर में पहले भी ऐसी घटनाओं में गैर इरादतन हत्या के केस दर्ज हुए हैं, लेकिन इस बार की चुप्पी चुभ रही है।
लोग सवाल कर रहे हैं:
• क्या दीपक जैन की मौत का जिम्मेदार कोई नहीं?
• क्या हाईस्पीड गाड़ी से किसी की जान लेना महज “दुर्घटना” है?

सीधी बात:

“अगर एक जिम्मेदार व्यापारी सड़क किनारे भी सुरक्षित नहीं,
तो यह सड़क किसके लिए है?”

“और अगर कोई डॉक्टर, जिसकी जिम्मेदारी जान बचाना है —
वही मौत का कारण बन जाए,
तो शहर के कानून और व्यवस्था को अब और कितने शव चाहिए?”



• दीपक जैन को न्याय मिले — यही समाज की मांग है।
• डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या में केस दर्ज हो और गिरफ्तारी हो।
• ट्रैफिक व्यवस्था में तत्काल सुधार हो, वरना अगला दीपक कौन होगा — ये कोई नहीं जानता।

मंदसौर को जवाब चाहिए — मौत की वजह तेज़ रफ्तार थी या सिस्टम की सुस्ती?

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