
डीएफओ भी पहुंचे गांव, तलाश अभी बाकी
मंदसौर। अलावदाखेड़ी क्षेत्र में तेंदूआ या लक्कडबग्गा का मूवमेंट सामने आया है। हालांकि अभी जंगली जानवर वन विभाग को छका रहा है। डीएफओ आदेश श्रीवास्तव ने भी गांव पहुंचकर जांच पड़ताल की। हालंाकि गांव में कीचड़ होने के कारण गिला है और खेत के साथ झाडिय़ा भी है। ऐसे में जानवर आसानी से छिप सकता है। अलग-अलग जगहों पर पद चिन्ह दिख रहे है। ऐसे में किस स्थान पर विशेष रुप से पिंजरा लगाया जाए यह भी साफ नहीं। अब तक किसी को तेंदूआ किसी को दिखा नहीं है। सिर्फ पदचिन्ह दिखें है। इसलिए लोकेशन स्पष्ट नहीं हो रही है। जब तक दिखे नहीं उसे पकड़ नहीं पा रहे है। पिंजरा लगा रखा है लेकिन जब तक उस पर सही तरीके से नजर नहीं रखी जा सकती सही जगह पर पिंजरा भी नहीं लगाया जा सकता है। कई तकनीकि कारणों के कारण विभाग अब तक तेंदूए को पकड़ नहीं पाया है।डीएफओ आदेश श्रीवास्तव ने बताया कि अलावदाखेड़ी में लकड़बग्घा और तेंदूएं के मूवमेंट है। पद चिन्ह भी मिले है। वहां खेत है और गिला भी है। इसलिए कीचड़ और जानवरों के छिपने के लिए पर्याप्त जगह है। पिंजरा लगाया है लेकिन मूवमेंट ट्रैक होने पर ही सही जगह पिंजरा लगेगा। लगातार नजर रखने के साथ कोशिश कर रहे है। ट्रैप कैमरें लगाने के लिए भी कोशिश की जा रही है। सिर्फ पद चिन्ह मिले है, तेंदूआ या लकड़बग्घा अब तक किसी को दिखा नहीं है।
जानवरों को बना रहा शिकार
करीब 20 से 25 दिन पहले सीएम हेल्पलाइन पर इस क्षेत्र में जानवर की शंका और पद चिन्ह के आधार पर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। इसके बाद विभाग ने यहां पिंजरा लगाया लेकिन अब तक पिंजरे में तेंदूआ या लकड़बग्घा नहीं आया है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि लगातार यहां पर इन जानवरों का मूवमेंट हो रहा है और अब तक कई जानवरों का यह शिकार कर चुके है। जानवरों को शिकार बना रहे है। इसी कारण ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। अपने खेतों की ओर ग्रामीणों की आवाजाही रहती है तो आबादी क्षेत्र में आने की आशंका भी बनी हुई है।