मंदसौर। सप्तम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल शर्मा की अदालत ने युवराजसिंह हत्याकांड में फैसला सुनाया है। जिसमें शामिल दीपक तंवर, अंकीत तंवर, छोटू उर्फ फैजान और नागेश उर्फ लाला गोस्वामी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा अन्य आरोपियों को बरी किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस ने 11 को आरोपी बनाया था। जिसमें सात को बरी किया गया है।
दिनांक 9 अक्टूबर 2019 को प्रात: 11.30 बजे गीता भवन अण्डरब्रिज के समीप गजानन होटल पर एसआरएम केबल नेटवर्क संचालक युवराज सिंह चौहान की तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी । पुलिस के अनुसार दीपक तंवर और विक्की गौसर ने अपने अन्य साथियों अंकित तंवर, छोटू उर्फ फैजान, नागेश उर्फ लाला गोस्वामी, अनिल दरिंग, सुनिल गोस्वामी तथा अनीस मेव से मिलकर हत्या का षडयंत्र रचा था। पुलिस के अनुसार घटना से एक माह पहले दीपक तंवर एवं विक्की गौसर ने अलावदाखेड़ी जाकर अंकित तंवर, नागेश गोस्वामी, छोटू उर्फ फैजान, अनिस मेव, सुनिल गोस्वामी तथा अनिल दरिंग को युवराज सिंह से व्यावसायिक प्रतिद्वंदता एवं सोनू गोस्वामी की हत्या का बदला लेने के उद्देश्य से सभी को एकत्रित कर योजना बनाई । योजना अनुसार आरोपीगणों द्वारा मृतक युवराज सिंह चौहान के घर के आसपास की रैकी प्रारंभ की गई । दिनांक 9 अक्टूबर 2019 को सुबह कालका माता मंदिर पर मिलकर योजना अनुसार गजानन रेस्टोरेंट गीता भवन अण्डर ब्रिज के पास आरोपियों अंकित तंवर, छोटू उर्फ फैजान, लाला उर्फ नागेश गोस्वामी ने आग्नेय शस्त्र से फायर कर युवराज सिंह की हत्या कर मोटरसायकिल से फरार हो गए।
पुलिस ने इस मामले में छोटू उर्फ फैजान पिता मुजफ्फर रिज्वी उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम अलावदाखेड़ी, अंकित तंवर पिता अशोक तंवर उम्र 25 वर्ष निवासी अम्बेडकर चौराहा 12 क्वार्टर मंदसौर, नागेश उर्फ लाला गोस्वामी पिता दिनेश गोस्वामी उम्र 24 वर्ष निवासी बसेर कॉलोनी मंदसौर, अनिल पिता गोकुल दरिंग उम्र 23 वर्ष निवासी अलावदाखेड़ी, दीपक उर्फ गब्बर पिता जीवन तंवर निवासी तंवर कॉलोनी मंदसौर, विक्की उर्फ हेमंत पिता जीवनलाल गौसर निवासी तंवर कॉलोनी मंदसौर, अनीस पिता रईस मेव निवासी सांई मंदिर के पास अभिनंदन नगर, सुनिल पिता चंदरगिरी गोस्वामी निवासी सम्राट होटल के पीछे पारख कॉलोनी के खिलाफ केस दर्ज किया था। जिसके बाद पुलिस ने मामला न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए दीपक तंवर, नागेश, फैजान और अंकीत को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।