किसी इंसान के बारे में जानना है तो वह अपने आसपास के जानवरों से कैसा बर्ताव करता है इस बात से उस इंसान के चरित्र की पुष्टि हो सकती है
नगर पालिका द्वारा आवारा गाय को पकड़ा जाता है ताकि वे शहर के आम जीवन को प्रभावित ना करे पर ….उनको साथ ऐसा वेहवहार हो रहा है की गोवंश बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा ।
क्या इतनी बेरहमी से पशुओं के साथ व्यवहार होना चाहिए ?
यह प्रशासन का व्यवहार जानवरों से हम सबकी आंखें खोलने के लिए काफी है।
जो लोग इन जानवरों को पकड़ने के लिए जाते है उनको ट्रेनिंग की जरूरत है ।
पेटा इंडिया की माने तो हर 1 मिनट के अंदर एक जानवर को पूरे विश्व मे प्रताड़ित किया जाता है।
यह बड़ा सवाल है कि क्या उनमें नगरपालिका ओं का व्यवहार अकाउंट होता है?
भानपुरा मुख्यालय में देवसेना निरंतर और कई ऐसी सस्थाए है जो गोवंश का ध्यान रख रहे है कहां तो एक तरफ मानवता के चलते गायों का ध्यान रखा जा रहा है और कहां एक तरफ उनके साथ ऐसा वहवार नही हो रहा।