
गांधी सागर अभयारण्य (Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary) में चीतों (Cheetahs) के लिए भोजन की व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (Kanha National Park) से 21 स्वस्थ चीतल (Spotted Deer) को 15 घंटे की लंबी यात्रा के बाद अभयारण्य में लाया गया।
चीता बाड़े को तीन हिस्सों में बांटा गया
वन विभाग ने चीता बाड़े (Cheetah Enclosure) को तीन भागों में विभाजित किया है।
🔹 पहले हिस्से में पहले से मौजूद चीतों को रखा गया है।
🔹 दूसरे हिस्से में तेंदुओं (Leopards) को हटाकर चीतल छोड़े गए हैं।
🔹 तीसरे हिस्से में अन्य शाकाहारी प्राणियों को बसाने की योजना बनाई गई है।
शाकाहारी वन्यजीवों की आबादी में होगी वृद्धि
वन विभाग के अनुसार, पहले छोड़े गए चीतलों की संख्या में डेढ़ गुना वृद्धि दर्ज की गई है। अब नई मादाओं (Female Deer) के आने से Herbivore Population तेजी से बढ़ सकती है। इससे चीता प्रोजेक्ट (Cheetah Project) को और मजबूती मिलेगी।
✅ कान्हा से लाए गए 21 स्वस्थ चीतल (Spotted Deer) चीता बाड़े में शामिल
✅ वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) को मिलेगा बढ़ावा
✅ शाकाहारी वन्य प्राणियों (Herbivore Population) की संख्या में होगा इज़ाफा
यात्रा के दौरान विशेष देखभाल
रेंजर अंकित सोनी (Forest Ranger) ने बताया कि सभी चीतल पूरी तरह सुरक्षित (Safe and Healthy) हैं। वाहन में उनके लिए खाने और पानी (Food & Water Supply) की उचित व्यवस्था की गई थी। यह पहल गांधी सागर अभयारण्य के पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) को मजबूत करेगी और चीतों के लिए पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करेगी।
इस कदम से गांधी सागर अभयारण्य का वन्यजीव संरक्षण प्रयास (Wildlife Conservation Efforts) और मजबूत होगा। इस तरह की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे शेयर करें! 🚀