मंदसौर/ दलोदा –

 बीते दिनों नागदा में हुई स्कूल वाहन की दुर्घटना व दैनिक पाताल लोक की खबर के बाद परिवहन विभाग मंदसौर ने स्कूलों में जाकर खंगाले वाहनों के कागजात। जिससे तहसील मुख्यालयों के स्कूलों में भी मचा हड़कंप, लेकिन यह कार्यवाही ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। परिवहन विभाग को बड़े मुस्तैदी के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जिले में सैकड़ों स्कूल संचालित हो रहे हैं जिनके वाहनों के ना बीमे है और ना लायसेंसधारी ड्राइवर है ऐसे में देश के भविष्य नौनिहाल डर के साए में बैठ रहे हैं वाहनों में, खासकर छोटे वाहन जिनमें बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह ठूस कर भरा जाता है। हमने पहले भी विभाग को चेताया था कि तहसील स्तरीय स्कूलों में ऐसी लापरवाही आपको देखने को मिल जाएगी बात करें दलोदा की तो यूं तो यहां पर बड़े रसूख वाले स्कूल चल रहे हैं परंतु यहां भी स्कूल वाहनों की हालत जस की तस है चाहे बीमे की बात हो फिटनेस की बात हो या स्पीड गवर्नर की सुबह 10:00 से 11:00 के बीच में दलोदा के चारों तरफ सड़कों पर तेज रफ्तार में इन स्कूलों की बसे फराटे भर्ती आपको नजर आएगी। लेकिन शायद परिवहन विभाग को अभी तक नजर नहीं आ रही है,क्या परिवहन विभाग अभी भी किसी घटना या दुर्घटना का इंतजार कर रहा है यह बड़ा सवाल है? गांव खेड़ों की बात करें तो भावगढ़ ,सेमलियाहीरा,सरसोद,

बड़वन, हतुनिया, खजुरिया सारंग,नांदवेल, जैसे कई गांवों में स्कूल संचालित हो रहे हैं जो फिटनेस के नाम पर वेलमेंटेंन का दम भरते हैं परंतु यहां शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग जांच करें तो बहुत सी खामियां मिल जाएगी?ये तो मात्र उदाहरण है यहां बात किसी भी एक गांव या एक स्कूल की नहीं है बात बच्चों के भविष्य की है इसलिए पूरे जिले के स्कूलों को खंगालने की आवश्यकता है।अब देखना यह है कि दोनों विभाग कब तक जागते हैं।और क्या परिणाम आता है!

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