मंदसौर। सरपंचों के हितों के लिए लड़ाई भोपाल तक भी लडऩा पड़ी तो पिछे नहीं हटूगा। संगठन के हर सदस्य को साथ लेकर संगठन काम करेगा। विकास कार्यो में किसी भी प्रकार का प्रशासनिक या राजनीतिक दबाव संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। यह बात नवनिर्वाचित सरपंच संघ अध्यक्ष दरबारसिंह मंडलोई ने कहीं। तीसरी बार फिर से सरपंच बने दरबारसिंह मंडलोई तरनोद को तीन सौ से ज्यादा सरपंचों की हुई बैठक में निर्विरोध जिलाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में अन्य पदाधिकारियों का चुनाव भी निर्विरोध हुआ।
आज पशुपतिनाथ अतिथि गृह में आयोजित बैठक में जिलेभर के कुल ३१६ सरपंचों ने हिस्सा लिया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में अजयसिंह चौहा, शांतीलाल मालवीय, दिलीपसिंह तरनौद, रघुराजसिंह सोलंकी लोगनी, डॉ शंभुसिंह पावटी, करणसिंह और वरिष्ठ समाजसेवी श्यामसिंह लकवा मौजूद थे। बैठक में सरपंच सम्मान समारोह के बाद सरपंच संघ की कार्यकारिणी तैयार की गई। जिसमें दरबारसिंह को निर्विरोध जिला अध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में निर्विरोध उपाध्यक्ष पद पर किशोर पाटीदार सरपंच हथुनिया, ललित मीणा सरपंच नावली, रघुराजसिंह परिहार सरपंच ढिकनिया, रमेशचंद्र राठौर सरपंच तलाब पिपलिया, कारुलाल पाटीदार बाबुल्दा को चुना गया। सचिव पद पर गोपाल मीणा सरपंच परासली, भारतसिंह दायमा सरपंच मोतीपुरा, श्यामसिंह, अर्जुनसिहं सरपंच सिंदपन को नियुक्त किया गया। इसी तरह से जिला प्रवक्ता सुष्मा कुंवर समेरसिंह देवड़ा सरपंच घ्सोई, जिला मीडिया प्रभारी दीपक मालवीय सरपंच कुरावन को बनाया गया। भानपुरा तहसील अध्यक्ष समंदरसिंह, गरोठ तहसील अध्यक्ष चेनसिहं, सीतामऊ तहसील अध्यक्ष सुंदरलाल सुनाथी्र, सुवासरा तहसील अध्यक्ष रामकुंवर दरबारसिहं, मल्हारगढ तहसील अध्यक्ष सुमित्रा कुंवर रुघनाहिं को नियुक्त किया गया। कार्यक्रम का संचालन दरबारसिंह किलगारी ने किया। आभार लक्ष्मणराजा भैया बोरखेडी ने माना।

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