शहर की चौथी आदर्श सड़क का बरसात आते ही होने लगा तीसरा, सड़क निर्माण में लेवल मिलान का नहीं रखा गया ध्यान पालो रिपोर्टर? मंदसौर शहर की निर्माण कंपनी गुप्ता इंटरप्राइजेस अक्सर अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। इस बार गुप्ता इंटरप्राईजेस का एक और कारनामा बरसात आते ही उजागर हुआ है। दरअसल 4 करोड़ 55 लाख की लागत से सुशासन भवन मार्ग पर बन रहे शहर के चौथे आदर्श मार्ग के डामरीकरण में कहीं से कहीं तक लेवल मिलान नहीं होने के कारण सड़क पर जगह-जगह पानी के डाबरे भरा रहे हैं और लोगों आदर्श सड़क होने के बावजूद आवाजाही में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि मप्र की पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में बड़ी ही उम्मीदों के साथ नपा ने चौथे आदर्श सड़क का ठेका गुप्ता इंटरप्राईजेस को दिया था। सभी को लग भी यही रहा था कि इस सड़क के निर्माण में तो गुप्ता इंटरप्राईजेस एसी कोई कारस्तानी नहीं करेगा, जिससे एसा लगे की कहीं पाप काट रखा हो, लेकिन ये क्या यहां तो पहली ही बारिश में सरा बंटा धाल हो गया और सड़क की जहां शुरूआत हो रही है यानि विधायक यशपालसिंह सिसौदिया के बंगले के ठीक पास स्थित चौराहे पर जबरदस्त जल जमाव हो रहा है। इसी तरह इससे आगे चलें तो ठेट सुशासन भवन(नवीन कलेक्टर कार्यालय) के आगे जहां तक ये सड़क बनी है वहां तक जगह-जगह सड़क का स्लोब बिना किसी माप दंड के दिए हुए हैं, जिससे कहीं तो सड़क बिल्कुल पानी नहीं रूक रहा है, तो कहीं डिवायडर के दोनों ओर की सड़कों के बीच में ही लगातार कई मीटर दूर तक जल भराव हो रहा है। इसके चलते यहां से आवागमन करने वाले हर राहगिर को परेशानी झेलना पड़ रही है। पैदल जा रहे राहगिरों को मोटर सायकिल वाला किचड़ छींटता जा रहा है तो बाइक सवार को कार या अन्य वाहन गंदा करते हुए जा रहे हैं। महत्वपूर्ण बात यह है, कि नपा के किसी जिम्मेदार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। जबकि इस सड़क का विकास आदर्श सड़क के रूप में किया जा रहा है, जिसे शहर की अन्य सड़कों के लिए आदर्श माना जा सके। यदि इसी तरह की सड़कों को शहर की अन्य सड़कों के लिए आदर्श बनाया जाने लगा तो शायद वो दिन दूर नहीं जब पूरा शहर डाबरों में तैर रहा होगा। आदर्श सड़क के विद्युत पोल आदर्श नहीं रेवास-देवड़ा रोड को छोड़ दें तो शहर की अन्य आदर्श सड़कें रेलवे स्टेशन रोड, संजीज रोड पर आकर्शक विद्युत पोल लगाए गए हैं। इन सड़कों पर दोनों और फूट पाथ पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए तथा इन राहगिरों के विश्राम हेतु सीमेंटेड कुर्सियां भी लगाई गई है, लेकिन वर्तमान में सुशासन भवन मार्ग पर जो आर्दश सड़क बनाई जा रही है। इसमें न पुराने पोल लगाकर पाप काटने की शुरूआत कर दी गई है। इसी तरह पैदल राहगिरों के लिए कोई फूटपाथ नहीं बनाए गए उनके बैठने के लिए सीमेंटेड कुर्सियां लगाना तो दूर की बात है। इसी तरह बात यदि रेवास-देवड़ा रोड की करें तो यहां भी हालात कुछ इसी तरह के हैं। जबकि यह भी एक आदर्श सड़क है। शिक्षा विभाग की उपेक्षा ठेकेदार की कॉलोनाइजर पर असीम कृपा है एक कॉलोनी बनी हुई वहां क्रास पाइंट दे दिया। मात्र २०-२५ मीटर पर दूसरी कॉलोनी बन रही है वहां भी क्रास पाइंट दे दिया, जबकि जिले के सबसे बड़े विभाग शिक्षा विभाग जहां पूरे जिले के ५ हजार से अधिक शिक्षकों, कर्मचारियों का आना जाना है उन्हें लगभग ३००-४०० मीटर की सुशासन भवन के राउन्ड लगाकर आना पड़ेगा क्योंकि शिक्षा विभाग से ठेकेदार को कोई फायदा मिलता नहीं दिखा तो क्रास पाइंट दिया ही नहीं जिले के सभी अधिकारी सुशासन पर आते जाते यह नजारा देख रहे किन्तु सब ठेकेदार की कार गुजारी चुपचाप देख रहे। गौर से देखो गिट्टी की चूरी उखड़ रही है सुशासन भवन मार्ग पर आदर्श सड़क का निर्माण अभी चल रही रहा है। जबकि इस सड़क को गौर से देखा जाए तो सड़क पर लेपे गए डामर में से चूरी निकलना शुरू हो गई है। यदि सड़क निर्माण मामलों के विशेषज्ञों की टीम लेकर यहां यदि तरिके से निरीक्षण किया जाए तो पता चले कि गुप्ता इंटरप्राईजेस ने किस तरह शहर की अन्य सड़कों के निर्माण के लिए एक आदर्श खड़ा कर रहा है। कलेक्टर-विधायक का रोज का आना-जाना एक और महत्वपूर्ण बात इस आदर्श सड़क को लेकर यह भी है कि भाजपा विधायक यशपालसिंह सिसौदिया का घर इसी सड़क से मिलने वाली एक गली मे हैं तथा कलेक्टर कार्यालय भी इसी सड़क पर है। एसे में विधायक सिसौदिया सहित कलेक्टर पुष्प व जिले के कई आला अधिकारी व जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस सड़क पर रोज आते-जाते हैं। बावजूद इसके किसी ने भी रूककर इस सड़क निर्माण का निरीक्षण करने या इसमें दूर से ही दिख रही इस तरह की खामियों को पकडऩे की ज़हमत नहीं उठाई। खैर जिले की नेता नगरी का तो गुप्ता इंटरप्राईजेस का लंबे समय से वरदहस्थ प्राप्त है, लेकिन उम्मीद कलेक्टर पुष्प से की जा सकती है कि वे किसी दिन किसी मोड़ पर अपनी गाडी इस आदर्श सड़क पर रोकें और यहां चल रहे निर्माण पर गौर तो फरमाएं।