खेत-खलियान से लेकर गली-चौपाल और चौक-चौराहे हुए तरबतर, बौवनी में व्यस्त हुआ कृषक वर्ग, शहरी क्षेत्रों में निकायों की ड्रैनेज व्यवस्था की खुली पोल पालो रिपोर्टर = मंदसौर आखिर जिसका इंतजार खेतों की मेढ़ से लेकर शहर के व्यापारिक बाजारों तक किया जा रहा था उस मानसून का आगाज रविवार को हो ही गया और काले घने बदरवा जिले पर जमकर मेहरबान हुए। एक तो छुट्टी का दिन औैर उस पर जबरदस्त बारिश ने माहोल को और भी रूमानी बना दिया। लोग अपने परिवार व दोस्तों के साथ बरसते पानी भीगने निकल पड़े, तो वहीं बौवनी के लिए मानसून का इंतजार कर रहे किसानों की बांचे खिल उठी तो वहीं पूर्व से बौवनी कर के बैठे किसानों की भी चिंता दूर हुई। इधर, जहां बारिश ने लोगों को आनंद विभोर कर दिया वहीं शहरी क्षेत्रों में सड़के जल मग्न होने से निकायों की ड्रैनेज व्यवस्था की पोल भी खुल गई। 2 दिनों की लगातार तपन और जबरदस्त उमस ने अंचल के शहर की जनता को पसीने से तरबतर कर हलकान कर रखा था, किंतु रविवार दोपहर 3 बजे के लगभग जिस प्रकार से मानसून ने अपनी जोरदार ढंग से आमद दी है। लग रहा कि अब बारिश का मौसम आ गया है। हर साल 20-21 जून को जिले में मानसून की पहली बारिश हो जाया करती है किंतु अब की बार लगभग 1 सप्ताह से छूटपुट जगह पर बारिश हो रही थी किंतु जोरदार बारिश का आगाज नहीं होने से किसान असमंजस में थे। कहीं-कहीं जो संपन्न किसान थे उन्होंने बौवनी कर दी थी पर गरीब किसान अभी मानसून की तेज बारिश का इंतजार कर रहे थे जो रविवार को समाप्त हुआ है। जोरदार बारिश ने पूरे शहर में को पानी से सराबोर कर दिया। आंधी तूफान के साथ आए इस मानसून ने किसानों के चेहरों की रंगत लौटा दी है। क्योंकि जिन किसानों ने बौआई कर दी थी, वे लंबी खैंच से काफी परेशान थे। सोयाबीन की फसल जिले की सबसे प्रमुख खरीफ और व्यावसायिक फसल है। इस फसल अंकुरण भी होने लगा था किंतु 2 दिन की गर्मी ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खड़ी कर दी थी। सोयाबीन का अंकुरण बहुत नरम और कोमल होता है और थोड़ी सी तेज गर्मी में मुरझा जाता है या कमजोर हो जाता है, जिससे फसल कमजोर होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती है किंतु रविवार की बारिश ने खेतों को तरबतर कर दिया है। उग आई फसलों के लिए भी अब लगभग 10 दिन तक बारिश नहीं आए तो भी फसल को कोई नुकसान की संभावना नहीं है। 48 सालों में सबसे कम बारिश आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो इस बार देश में मानसून 100 वर्षों में चौथी बार सबसे ज्यादा लेट हुआ है और सबसे कमजोर रहा है। खबरों के मुताबित विगत 48 वर्षों में जून माह में सबसे कम बारिश इसी जून में आंकी जा रही थी किंतु आज की बारिश में जून के जाते जाते अपना कोटा करने में मजबूती दिखाई है। बात करें मालवा निमाड़ की तो अभी भी मालवा निमाड़ में गर्मी और उमस से जन जीवन हलाकान है मानसून अबकी बार पूरी तरह एक जैसा कहीं नहीं चल रहा, कहीं तो भारी बारिश और कहीं सूखा यह भारतीय मानसून की एक अलग ही उसका रूप है। 6 से 9 इंच बारिश में ही करें बुआई जब तक लगभग 6 से 9 इंच तक जमीन गीली नहीं हो जाए खेतों मे नमी नहीं हो जाए तब तक बुआई करने पर अंकुरण कम होने या अंकुरण के पश्चात पौधे नष्ट होने की संभावना बनी रहती है। जिले की प्रमुख फसल सोयाबीन है और सोयाबीन के भाव बढ़ गए हैं। ऐसी स्थिति में किसान रिस्क लेने की स्थिति में नहीं हैं और गरीब किसान तो बिल्कुल रिस्क लेना भी नहीं चाहता। बदलते मौसम के मिजाज बात करें मौसम की तो इस वर्ष लगभग 50 सालों में सबसे अधिक गर्मी पड़ी है और अनुमान यह लगाए जा रहे थे कि 50 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा इस वर्ष होने की संभावनाएं हैं। किंतु माह जून माह में जो पूरे देश में वर्षा होती है उसका औसत विगत 48 वर्षों में सबसे कम है। यह मौसम के बदलते हुए स्वरूप, पर्यावरण असंतुलन के खतरनाक संकेत हैं। सीतामउ में भी मानसून ने दी दस्तक इधर, सीतामउ प्रतिनिधि के अनुसार रविवार को मानसून के प्रभावी आगाज हुआ। जिसके चलते दोपहर 2 बजे से तेज बारिश का दौर देर शाम तक रिमझिम बारिश के रूप में चलता रहा। क्षेत्र में लगभग 50 से 60 प्रतिशत बोवनी होने के साथ ही कृषि कार्यों की हलचल बढ़ गई है। खरीफ बोवनी के साथ ही किसानों की व्यस्तता के साथ मार्केट में रौनक दिखाई भी दिखाई देने लग गई है। नगर सहित अंचल में रविवार को मानसून का जोरदार आगाज हुआ है जो दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक तक झमाझम बारिश हुई। इसके बाद रिमझिम बारिश देर रात तक बजे तक जारी रहा। मानसून की पहली बारिश धमाकेदार होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। विकलांग कार्यालय के बाहर गिरी पेड़ की शाखा तेज आंधी तुफान के साथ आई शुरूआती बारिश से रेडक्रॉस कार्यालय के समीप स्थित विकलांग कार्यालय गेट के समीप खड़े एक वृक्ष की भारी-भरकम शाखा टूटकर गेट पर ही गिर गई। इसके चलते कार्यालय के अंदर ही करीब 6 दिव्यांग फंस गए, जो बाहर नहीं निकल पा रहे थे। बाद में सूचना के बाद पहुंचे प्रशासन ने जेसीबी की बदद से उक्त शाखा को हटवाया। गनीमत है कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। नाले हुए ओवर फ्लो, नपा के दावे हुए बेकार करीब तीन घंटे की जबरदस्त बारिश ने शहरभर को तरबतर कर दिया। इस दौरान देखते ही देखते शहर के कई नाले ओवर फ्लो हो गए और ओवर फ्लो नालों से सड़क पर जमा हुए जल ने नपा के उन तमाम दावों के बेकार कर दिया जो मानसून पूर्व नालों की रूकावट दूर करने व सफाई करने को लेकर नपा द्वारा किए जा रहे थे। नरसिंहपुरा नाले का पानी सड़क पर जमा होने से आवागमन बाधित हो गया, तो वहीं शुक्ला चौक, नयापुरा रोड, धानमंडी, मीड इंडिया फाटक, दयामंदिर रोड, सम्राट मार्केट आदि प्रमुख मार्गों और गलियों में जल भराव से आवागमन बाधित हो रहा। इधर, बूढ़ा सहित आसपास के ग्रामीणांचलों में खेतों में पानी भरने की खबरें भी आई।