कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र का मामला बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे सीएमओ आरपी मिश्रा पालो रिपोर्टर = मंदसौर वाह नपा प्रशासन वाह और इससे भी ज्यादा तारिफ कांग्रेस के उन नेताओं की जिनकी तथ्यात्मक खबर प्रकाशित होने के बाद भी भाजपा पार्षद पुत्र की ठेकेदारी का विरोध करने की या इस मामले में एकाध भी शिकायत सीएमओ कार्यालय में फसाने की हिम्मत तक नहीं की। दरअसल वार्ड नंबर 38 में भाजपा पार्षद यशवंत भावसार के पुत्र शेलेंद्र भावसार द्वारा सीसी रोड का ठेका लेकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस मामले को लेकर पिछले दिनों दैनिक पाताल लोक ने तथ्यात्मक खबर प्रकाशित की थी कि कोई भी जनप्रतिनिधि या उनसे रक्त संबंध रखने वाला व्यक्ति सरकारी ठेके नहीं ले सकता है। तब सीएमओ आरपी मिश्रा ने भी इसे चतुर सुजान बनते हुए वाकई सही बताया कि इस तरह ठेका लेना गलत ही है, लेकिन अब तक खुद सीएमओ साहब ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है और अब मामला कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र का बताकर खुद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। मामला शहर के वार्ड क्रं 38 सुदामा नगर रामटेकरी स्थित पूर्व नपाध्यक्ष रेणुका रामावत वाली गली में पिछले दिनों विधायक निधि से सीसी रोड निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। करीब 6 लाख की लागत से निर्मित होने वाले इस रोड का निमार्ण ठेका जिस शेलेंद्र भावसार के नाम है, वह और कोई नहीं बल्कि वर्तमान परिषद में भाजपा पार्षद यशवंत भावसार का पुत्र है जबकि ये ठेकेदारी सरकारी नियमों के विपरित है। इस मामले में 19 जून के अंक में एक तथ्यात्मक खबर का प्रकाशन दैनिक पाताल लोक ने ‘पार्षद पुत्र ले रहा नपा में सरकारी ठेकेÓ शीर्षक से प्रकाशित की थी। तब यह मामला पालो रिपोर्टर द्वारा जब नपा सीएमओ आरपी मिश्रा के संज्ञान में लाया गया तो उनने खुद इसे ठेके को गलत करार देते हुए कहा था चूंकि अब ठेका हो गया है तो मैं देखता हूं इस मामले में मैं क्या कार्रवाई कर सकता हूं। उक्त खबर प्रकाशन के 6 दिन बाद सोमवार को जब पालो रिपोर्टर ने सीएमओ से पूछा कि आपने अब तक क्या कार्रवाई की तो उल्टा उनका यह कहना था कि इस मामले में कार्रवाई का अधिकार कलेक्टर का है। जब सीएमओ से पूछा गया कि ठेका तो नपा ने ही दिया था तो कार्रवाई कलेक्टर कैसे कर सकते हैं, तो उनने यहां तक कह दिया कि ये मामला अधिक बहस का नहीं है। मेरे पास इस मामले में किसी की कोई शिकायत नहीं आई। आएगी तो मैं कार्रवाई के लिए कलेक्टर साहब को पहुंचा दूंगा और इतना कहते हुए सीएमओ मिश्रा ने फोन रख दिया। वहीं इस मामले में जब कलेक्टर मनोज पुष्प से उनके मोबाइल 7587969400 पर सोमवार शाम 3.68 बजे कॉल किया तो उनने मोबाइल रिसीव नहीं किया। निर्वाचन तक शुन्य हो सकता है जनप्रतिनिधि का सरकारी ठेके यदि कोई जनप्रतिनिधि या उनसे रक्त संबंध रखने वाला व्यक्ति लेता है तो नियम यहां तक भी है, कि संबंधित जनप्रतिनिधि का निर्वाचन भी शुन्य हो सकता है। क्योंकि ये कार्य सीधे-सीधे लाभ की श्रेणी में आता है। इसी तरह आगे नियम यह भी हैै कि संबंधित निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में होते हुए भी कोई जनप्रतिनिधि अथवा उनसे रक्त संबंध रखने वाला व्यक्ति सरकारी ठेका ले रहा है और यह बात उनके संज्ञान में हैं तो संबंधित अधिकारी पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकता है। मुर्दारों की भूमिका में विपक्ष इस मामले में सीधे तौर पर उंगली नपा में विपक्ष की भूमिका में बैठी कांग्रेस पर भी उठती है। क्योंकि उक्त भाजपा पार्षद के पुत्र ने यह कोई पहला ठेका नहीं लिया। इसके पूर्व भी करीब आधा दर्जन ठेके वह ले चुका है। बावजूद इसके कांग्रेस मुर्दारों की भूमिका में रही औैर इस तरह भाजपा पार्षदों के लाभ पर चूं तक आवाज नहीं उठा सकी, जिससे यह कहा जाए कि शायद इन्हीं माजनों से कांग्रेस बिते 43 सालों में नपा में काबिज नहीं हो पाई तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।