मंदसौर। जिला कार्यक्रम अधिकारी महाजन ने बताया कि घर से भागा हुआ बालक कलेश्वर पिता धनेश 8 मई को मंदसौर रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया। जिसे आरपीएफ पुलिस ने चाइल्डलाइन मंदसौर की समन्वयक मोनिका वरुण को सौंपा गया। चाइल्ड लाइन ने बालक को बाल कल्याण समित मंदसौर के समक्ष प्रस्तुत किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रमोद एव सदस्यो बालक की काउंसलिंग की गई। जिसमें उसने अपना नाम कलेश्वर पिता गणेश बताया। निवास के संबंध में उसने ग्राम पाटा झारखंड होने का बताया। ऐसी स्थिति में बालक को खुला आश्रय गृह में रखा गया। बाल कल्याण समिति द्वारा बालक के बारे में पता लगाने के लिए महिला सशक्तिकरण अधिकारी रविंद्र महाजन को भी बताया। समिति एव अधिकारी के संयुक्त प्रयासों से बालक के गांव का पता लगाया गया तो उक्त ग्राम छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर जिले का पाया गया। जिससे बलरामपुर जिले के बाल कल्याण समिति के सुधीर तिर्की एवं राजेश खरके से बात की गई। बालक की काउंसलिंग में बालक ने अपना पिता का नाम धनेश, माता का नाम विद्या बाई एवं भाइयों के नाम महेश दिलीप बताया। इसी बीच बालक खुला आश्रय ग्रह से भाग गया। पुन: पुलिस एवं चाइल्डलाइन ने पुन: बालक को 3 घंटे में ढूंढ कर समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बालक को फिर खुला आश्रय गृह भेजा गया। बाल कल्याण समिति के सुधीर तिरकी बलरामपुर के द्वारा उसके ग्राम में पता लगा कर बालक के परिजनों से संपर्क किया जिसमें उक्त बालक उनके ही परिवार का सदस्य पाया गया। इसके पूर्व बालक ने बताया कि उसने दिल्ली में किसी अनिल के यहां झाड़ू पहुंचे का काम भी किया था और वहां से भाग कर मंदसौर आया ट्रेन में बैठ कर पूरी तरह संतुष्ट होने पर बाल कल्याण समिति द्वारा बालक का स्थानांतरण आदेश बलरामपुर बाल कल्याण समिति को किया गया और चाइल्ड लाइन द्वारा उक्त बालक को बलरामपुर ले जाने हेतु आदेशित किया गया। उक्त पूरे प्रकरण में बाल कल्याण समिति चाइल्ड लाईन आरपीएफ पुलिस महिला सशक्तिकरण अधिकारी एवं बलरामपुर के बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन द्वारा बालक के पुनर्वास में सहयोग किया।