मंदसौर। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस उम्मीदवार मीनाक्षी नटराजन ने रिलायंस कम्पनी एवं दो इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनलों सहित पांच लोगों को कानूनी नोटिस भेजे हैं। इस नोटिस में उनके विरुद्ध की गई मानहानि पर क्षमायाचना प्रसारित करने एवं 1 करोड रुपए का हर्जाना देने को कहा गया है। अन्यथा अपराधि मुकदमे पेश किए जाने की चेतावनी दी गई है।
पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन की ओर से इंदौर के अभिभाषक अजय बांगडिया ने सीएनएन न्यूज 18 के सीईओ, मुख्य सम्पादक तथा न्यूज 18 के सीईओ, रिलायंस इण्डस्ट्रीज लि के सीईओ एवं मंदसौर के अजय बडोलिया को नोटिस भेज कर कहा हे कि उनके द्वारा मानहानिपूर्ण प्रसारण किये गये हैं, जो भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अतएव गलत तथा भ्रमपूर्ण प्रसारण के लिये वे क्षमा याचना प्रसारित करें तथा हर्जाने के एक करोड़ रूपये दें अन्यथा उनके विरुद्ध अपराधिक मुकदमे पेश किये जाएंगे।
नोटिस में कहा गया है कि मीनाक्षी नटराजन एक सुविख्यात अग्रणीय राजनेता हैं जो लोकसभा की पूर्व सदस्य भी रही हैं। वे भारतीय युवा कांग्रेस मध्यप्रदेश की अध्यक्ष तथा भारतीय राïष्ट्रीय छाथा संगठन की राïष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेहरु युवा केन्द्र की उपाध्यक्ष सहित विभिन्न सामाजिक गतिविधियों तथा संगठनों से सम्बद्ध रही है। विगत बीस वर्षा से भारतीय राïष्ट्रीय कांग्रेस से जुडी हैं। उनके समर्थक बडी संख्या में पूरे देश में है। उन्हें स्वच्छ तथा ईमानदार राजनेता माना जाता है तथा उन पर कोई आरोप नहीं है। 10 अप्रेल को मानहानि कारक समाचार प्रसारित एवं प्रकाशित कर उनकी छबि योजनापूर्वक गिराने का प्रयत्न किया गया है।
आगे बताया गया है कि इंदौर मे ंप्रवीण कक्कड ओएसडी मुख्यमंत्री के यहां छापे के प्रसारित समाचार में आरोप लगाया गया है कि कई विभागों तथा कम्पनियों से धन प्राषि के साक्ष्य इस छापे में मिले हैं। स्त्रोत का कहना है कि यह धन नकद में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार मीनाक्षी नटराजन, मधु भगत तथा अजयसिंह को दिया गया। इस आधारहीन तथाकथित समाचार को सोश्यल मीडिया तथा आफिशियल ब्लाग के माध्यम से प्रसारित, प्रकाशित किया गया। इसे बड़ी संख्या में लोगों ने देखा, जिससे प्रतिष्ठा तथा यश को क्षति पहुंची। कई जनों द्वारा नटराजन से प्रश्न व जानकारी पूछी गई। इस तरह उनकी मानहानि हुई। इसका दुष्प्रभाव उनके निर्वाचन क्षेथा पर भी हुआ। यह जानबूझ कर सौद्देश्य नटराजन के लिये अप्रिय स्थिति उत्पन्न करने का आधारहीन प्रयत्न है। अतएव आरोप लगाने वाले क्षमायाचना प्रस्तुत कर हर्जाने का भुगतान करें, अन्यथा दीवानी तथा फौजदारी कार्यवाही का सामना करना पड सकता है।