दिव्यांगों को बस यात्रा में मिलने वाली सुविधाओं का लिया जायजा
पालो रिपोर्टर = मंदसौर
प्रदेश के परिवहन विभाग का दल एक शिकायत के बाद मंदसौर पहुंचा। उनने यहां विकलांग पुर्नवास केंद्र का दौरा किया व नेहरू बस स्टैंड पर जाकर बसों में विकलांगों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी मुआयना किया। हालांकि यहां उन्हें सारी व्यवस्थाएं संतुष्ठिपूर्ण लगी। जबकि सूत्र बता रहे हैं उनके आने की खबर पहले ही लिक हो जाने से बसों में स्वत: ही विकलांगों के लिए सीट आरक्षित के स्टीकर लगा दिए गए।
गौरतलब है, कि साल 2016 में शासन का एक आदेश आया था, कि दिव्यांगों को बस यात्रा में तय किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जाए व बस की 5 प्रतिशत सीटें विकलांगों के लिए आरक्षित रखी जाए। साथ ही यात्रा के दौरान दिव्यांगों से सहायतापूर्ण व्यवहार किया जाए। किंतु इस आदेश का एक भी पालन मंदसौर जिले के तारतम्य में होता कहीं नहीं दिखाई दे रहा था। एसे में लंबे समय से दिव्यांग परेशान थे। इसके चलते परिवहन मंत्रालय को एक शिकायत मंदसौर से गई थी, जिसकी जांच हेतु परिहवन विभाग के पर्यवेक्षक औंकारपाल, चंद्रसिंह मालवीय शनिवार दोपहर यहां पहुंचे। उनके साथ स्थानीय अधिकारी के रूप में आरटीओ में पदस्थ आरके शिंदे भी थे। उक्त दल ने बालागंज स्थित विकलांग पुर्नवास केंद्र पर मोटर मालिस संघ अध्यक्ष शिखर रातडिय़ा सहित अन्य पदाधिकारियों व दिव्यांगों से चर्चा की तथा केंद्र का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उक्त दल नेहरू बस स्टैंड पहुंचा व यहां खड़ी बसों के अंदर पहुंचकर आरक्षित सीटों के नोटिस आदि का मुआयना किया। टीम ने अपने इस निरीक्षण को लेकर संतुष्ठी जताइ है। जबकि सूत्रों पर भरोसा करें तो शुक्रवार शाम को ही बस मालिकों को उक्त टीम के आने की खबर लग गई थी, जिसके चलते पहले ही सभी बसों में 5 प्रतिशत सीटें विकलांगों के लिए आरक्षित लिखे हुए स्टीकर लगा दिए गए। इधर, हकीकत पर गौर करें तो अधिकांश बसों में दिव्यांगों से पूरा किराया वसूला जा रहा है और कई बार यह भी देखने में आता है कि ठसाठस भरी बसों में भी दिव्यांगों को खड़े-खड़े यात्रा करने पर विवश होना पड़ता है। हालांकि इस निरीक्षण के बाद जिम्मेदारों ने दिव्यांगों को आश्वस्थ किया है, कि यदि अब कोई बस स्टाप इस तारतम्य में 2016 में आए शासन के आदेशों का पालन नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।